पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६९७

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११ पब्वै] को १ पुत्तक । १२ ग्यारहवां पई। परंतु मुलेमान राजा ने फिरजन की बेटी को छोड़ बहुत उपरी स्त्रियों से प्रीति किई अथात् मोबी अम्मनो अटूमो से दूनी और हिती की स्त्रियों से। २। उनजातिगपो से जिन के विषय में परमेश्वर ने इसराएल के संतान को श्राज्ञा किई थी कि तुम उन के पास मत जाओ और न वे तुम्हारे पाम आ निश्चय वे तुम्हारे मन को अपने दवा की और फिरावेगी पर सुलेमान भौति से उन्हीं से रिलचा रहा ॥ और उस की सात सौ राज कुमारी पनियां और नीन सौ सहेलियां घों और उसकी पत्नियों ने उसके मन को फेर दिया। ४। और ऐमा हुआ कि जब सुलेमान हड्व हुआ तब उस को पत्नियों ने उस के मन को भिन्न देव की और फेर दिया और उस का मन अपने ईश्वर परमेश्वर की और अपने पिता दाजद के मन के समान सिद्ध न था ॥ ५। क्योंकि सुलेमान ने सैदानियों की देवता इसतारात का द्यौर अम्मनी के विनित. मिलकूम का पीछा पकड़ा॥ ६। और सुलेमान ने परमेश्वर की दृष्टि में बराई किई और उस ने परिपूर्ण ना से अपने पिता दाजद के समान परमेश्वर का पीछा न पकड़ा। का लब सुलेमान ने यरूसलम के सन्मुख की पहाड़ी पर मेअिवियों को घिनित कम्स के लिये और अम्मन के संतानों की चिनिन मानक के लिये ऊंचा स्थान बनाया ।। ४। इसी रीति से अपनी सारी उपरी पत्नियों के लिये जा अपने देवता के लिये धूप जलाती और वलि करती थीं उस ने बनाया । परमेश्वर सुलेमान पर इस कारण क्रुद्ध हुअा कि दूसराएल के ईश्वर परमेश्वर से जिस ने उसे दोबार दर्शन दिया था उस का मन फिर गया। १.। और उसे इस विषय में आज्ञा किई थी कि वह भान देवों का पोछा न पकड़े परंतु उस ने परमेश्वर की धाज्ञा पालन न किया ॥ ११। इस कारण परमेश्वर ने सुलेमान से कहा जैसा कि तुझ से यह हुश्रा है और तू ने मेरे नियम और विधिन को और जो मैं ने तुझे अाज्ञा किई पालन नहीं किया है निश्श्य में राज्य तुझ से फाडंगा और तेरे सेवक को देऊंगा॥ १२ । तथापि तेरे जीते जी ऐसा न करूंगा परंतु तेरे बेटे । और