पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७०

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[३० पर्व उत्पत्ति राखिल का स्मरण किया और उम की सुनके उस की कोख को खाला ॥ २३ । बुह गर्भिणी हई और बेटा जनी और बोली कि ईश्वर ने मेरी निन्दा दर किई॥ २४। और उम ने उस का नाम युसुफ रकवा और बोली कि परमेश्वर मुझे दूसरा बेटा भी देवेगा ॥ २५ । और जब राखिल से यमुफ उत्पन्न हुआ तो या हुया कि यअकब ने लावन से कहा कि भझे मेरे स्थान और मेरे देश को बिदा फीजिये ॥ २६ । मेरौ स्त्रियां और मेरे लड़के जिन के लिये मैं ने श्राप की सेवा किई है मुझे दीजिये और बिदा करिये क्योंकि आप जानते हैं कि मैं ने श्राप की कैसी सेवा किई है॥ २७ । लावन ने उसे कहा कि जा मैं ने तेरी दृष्टि में अनुग्रह पाया है तो रह जा क्योंकि मैं ने देख लिया है कि परमे- श्वर ने नेरे कारण से मुझे आशीष दिया है॥ २८। और उस ने कहा कि अब तू अपनी बनी मुझ से ठहरा ले में तुझे देऊंगा ॥ २८ ! उम ने उसे कहा आप जानते हैं कि में ने क्योंकर आप की सेवा किई है और श्राप के दोर कैसे मेरे साथ थे। ३० । क्योंकि मेरे श्राने से भाग वे थोड़े थे बैर अब मुंड के झंड हो गये और मेरे आने से परमेश्वर ने श्राप को आशीष दिया है अब मैं अपने घर के लिये भी कब ठिकाना करूंगा ॥ ३१ । और बुह बोला कि मैं तुझे क्या देऊ और यअकब ने कहा कि आप मुझे कुछ न दीजिये जो आप मेरे लिये ऐसा करेंगे तो मैं अाप के झुंड को फिर चराऊंगा और रखवाली करूंगा॥ ३२॥ मैं आज आप के सारे झुंड में से चल निकलूंगा और भेड़ों में से सारी फुटफरियों और चितकबरियों और भरियों को और बकरियों में से फुटफुटियो और चितकबरियों को अलग करूंगा और मेरी बनी बैसौ होगी॥ ३३ । और कल को मेरा धर्म मेरा उत्तर देगा जब कि मेरी घनौ आप के आगे आवे तो बुह जा बकरियां गे चितकबरी और फुटफुटिया और भेड़ों में भरी नहो तो बुह मेरे पास चोरी की गिनी ३४। तब लाबन बोला देख मैं चाहता हूं कि जैसा तू ने कहा नैसाही हो। ३५ । और उस ने उस दिन पट्टेवाले और फुटफुटिया बकरे और मब चितकबरी और फुटफुटिया बकरियां अर्थात् हर एक जिस में कुछ उजलाई. यी और भेड़ों में से भूरी अन्लग किई जाय।