पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७०३

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१३ पच के हे इसराएल अपने देवो को देख जा तुझे मिस्र की भूमि से निकाल लाये। २६। और उस ने एक को बैतएल में और दूमरे को दान में स्थापित किया। और यह बात एक पाप हुआ क्योंकि लोग दान में जाके एक की पूजा करते थे ॥ ३१ । और उस ने ऊंचे स्थानों में एक घर बनाया और नौच लोगों में से याजक बनाये जो लावौ के बेटों में से न थे। ३२। और यरुविश्राम ने यहूदाह के एक पचे की नाई आठवें माम को पंद्रहवीं तिथि में पर्व ठहराया और वेदी पर बलिदान चढ़ाया और ऐसा ही उस ने उन बछियों के आगे जो उस ने बनाई थीं बैसएल में किया और उसने उन ऊंचे स्थानों के याजकों को जिन्हें उस ने बनाया था रकबा ॥ ३३ । से आठवें मास की पंदरहवों तिथि को अर्थात् उस मास में जो उस ने अपने मन में रोपा था वैनएल में अपनी बनाई हुई बदी पर बलिदान चढ़ाया और दूसराएल के संतानों के लिये एक पच ठहराया और उस ने उस बेहो पर चढ़ाया और धूप जलाया। १३ तेरहवां पब । र देखा कि परमेश्वर के बच्चन से ईश्वर का एक जन यहूदाह से खड़ा था॥ २। और उस ने परमेश्वर की बचन से बेदी के विरुद्ध में पुकारके कहा कि हे बेदी हे बेदी परमेश्वर यों कहता है कि देख यूसियाह नाम एक बालक दाजद के घराने में उत्पन्न होगा और बुद्द अंचे स्थानों के याजकों को जो तुझ पर धूप जलाते हैं तुझी पर चढ़ावेगा और मनुष्यों के हाड़ तुझ पर अलाये जायेंगे। ३। और उस ने उसी दिन यह कहके एक पता दिया कि परमेश्वर ने यह कहके यह पता दिया है कि देख बेदौ फट जायगौ और उस पर की राख उंडेली जायगी। है। और ऐसा हुया कि जब यरुविश्राम राजा ने ईश्वर के जन का कहना सुना जिस ने बैतएल की बदौ के विरुद्ध पुकारा था तो उस ने वेदी पर से अपना हाथ बढ़ाके कहा कि उसे पकड़ लेगो से उस का हाथ ने उम पर बढ़ाया था भरा गया ऐसा कि वह उसे फिर सके ड़ [ [A. B. S.1 जो उम 88