पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७७९

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घा को २ पुस्तक। ७०३ के द्वारा का और खंभों पर का सेना जा यहूदाह के राजा हिजकियाह ने उन पर मढ़ा था काट कार के असर के राजा को दिया । १७। तब अमूर के राजा ने नरवान को और रबपारीम को और रजसाकी को लकीस से भारी सेना सहित यस समम के विरोध में भेजा और वे चन्हें छोर यरूसलम को आय और बाके ऊपर कुंड के पनाले के लग जो धाबी के खेत के मार्ग में है खड़े हुए। १.८। और जब उन्हीं ने राजा को बुलाया नब खिल कियाह का बेटा दूल यकीम जो घराने पर और शबना लेखक और शमफ का बेटा यूश्रख स्मारक उन पाम श्राये॥ १९ । तब रब्बलाकी ने उन्हें कहा कि तुम हिजकियाह से कहा कि महाराज अस्र का राजा यां कहता है कि वह क्या आसरा है जो न रखता है॥ २० । तू होठों की बात कहता है कि मझ में परामर्श पार युग का पराक्रम है सो अब तू किस पर भरोसा रखता है कि मझ से फिर जाता है ॥ २१ । अब देख तू उस मसले हुए सेठे के दंड पर अर्थात् मित्र पर भरोसा रखता है यदि कोई उस पर योगेंगे तो बुह गड़ जायगा और उसे बंधेगा से मिस्त्र का राजा फिरजन उन सब के लिये जो उस पर भरोसा रखते हैं ऐसा ही है॥ २२ । परन्तु यदि तुम कहे कि हमारा भरोसा परमेश्वर अपने ईश्वर पर है क्या वहीं नहीं जिस के ऊचे स्थानों को और जिम की बेदियों को हिजकियाह ने अलग किया और यहूदाह और यरूमलम को कहा है कि तुम यरूमलभ में दूम बेदी के आगे सेवा करो। २३ । अब असूर के राजा मेरे प्रभु को ओल दीजिये और मैं तुझे दो सहन घोड़े देऊंगा यदि तुझ में यह शक्ति हो कि नू चढ़ वैयों को उन पर बैठावे ॥ २४ । सेो किस रीति से तू मेरे मझ के सेवकों में से सबसे छोटे प्रधान का मंह फेरेगा और मिस पर रथों के और घोडचढ़ों के लिये भरोसा रक्खे ॥ ३५ । अब क्या मैं इस स्थान के नाश करने को बिना परमेश्वर के आया हूं परमेश्वर ने मुझे कहा कि उस देश पर चढ़ जा और उसे नाश कर ॥ २६। तब खिलकियाह का वेटा इलयकीम और शबना और यू अख ने रब्बसाकी से कहा कि मैं नेरी बिनती करता हूँ कि अपने दासा से अरामी भाषा में कहिये क्योंकि उसे हम समझते हैं और यहूदियों की भाषा में हम से हाथ