सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:धर्म के नाम पर.djvu/११०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
(११०)

उन्होंने उसकी स्त्री के गहने मंगवा लिये और अवसर पा चलते हुए। अन्त मे पकड़े गये।

एक साधु ने एक हलवाई भक्त से एक चिलम तम्बाकू मांग कर उसी के सामने भर कर पिया। कुछ देर बैठ चिलम वहीं उलट कर चल दिये। हलवाई ने देखा राख में सोना चम चमा रहा है। दौड़े और दण्डवत प्रणाम कर बाबा को ढूंढ लाए। महीनों सेवा की—टाल दूल करते रहे अन्त में लाला का २००)रु॰ का माल हथिया कर चम्पत हुए।

दो तीन साल पूर्व दिल्ली मे सब्जी मण्डी में एक वैश्य ब्यापारी ने दूसरी शादी की थी। परन्तु २।३ वर्ष बीतने पर भी उसके सन्तान नहीं हुई थी, उसे किसी मुसलमान स्याने ने बता दिया कि किसी बच्चे के खून से स्नान करले तो बच्चा होजायगा। उसने अपनी जिठानी के लड़के को मार डाला और घर मे ही उसे गाड़ दिया, पीछे बात खुल गई और मामला पुलिस में गया। स्त्री को सजा मिली।

सिकन्दराबाद में एक जैन स्त्री से बच्चे हो हो कर मर जाया करते थे। किसी स्याने ने कहा—तुझे मसान लग गया है, इस बार बच्चा हो जाय तो उसे ज़मीन में गाड़ देना, फिर सब बच्चे जिन्दा रहेंगे। उसने पैदा होते ही अपना बच्चा जमीन मे गाड़ दिया। दैवयोग से उसी समय एक कुम्हार वहाँ मिट्टी खोदने गया और बच्चा बरामद किया, मामला अदालत में गया और बड़ी दौड़ धूप से स्त्री रिहा कराई गई।