अन्याय किया। बिनाही अपराध एक ज्येष्ठ पत्नी के ज्येष्ठ पुत्र को, जिस का अधिकार था, अधिकार च्युत करके वन भेजना और कनिष्ठा और दुष्टा पत्नी के पुत्र को अनधिकार राज्याधिकार देना, दशरथ के दुर्बल हृदय का खुला उदाहरण है जिसकी अधिक से अधिक निन्दा की जानी चाहिये।
मैं यह कहता हूँ कि राम को अपने ऐसे पिता की ऐसी आज्ञा नहीं पालन करनी चाहिये थी। उन्हें दृढ़ता पूर्वक इन्कार कर देना उचित था। इस स्त्रैण वृद्ध के इस कुकर्म के फल स्वरूप फूलसी सीता को क्या क्या लांच्छनाएं और विपत्तियाँ नहीं सहनी पड़ीं? और राम को जीवन भर किन किन मुसीबतों से न टकराना पड़ा?
लोग चिउंटियों को, कीड़े मकोड़ों को आटे में गुड़ या चीनी मिला कर जिमाया करते हैं। और इसे धर्म समझते हैं। उधर बड़े बड़े वैज्ञानिक और डाक्टर लोग पृथ्वीभर से रोग कीटाणुओं को, मक्खियों को, मच्छरों को, खटमलों को, पिस्सुओं को जड़मूल से नष्ट करने पर तुले हुए हैं। मैं पूछता हूँ इन दोनो श्रेणियों मे धर्मात्मा कौन हैं? वे वैज्ञानिक और डाक्टर लोग या चिउंटियो को गुड़ शक्कर खिलाने वाले? बहुधा देखा जाता है कि म्यूनिसिपेल्टियां बन्दरों को, कुत्तों को और चूहों को पकड़ कर नष्ट किया चाहती हैं, परन्तु लोग प्रायः उसका विरोध किया करते हैं। बन्दर हिन्दुओं की दृष्टि में देवता हैं क्योकि वे सभी अंगद और हनुमान के भतीजे ठहरे, उन्होंने गढ़लङ्का फ़तह