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पृष्ठ:नारी समस्या.djvu/१०७

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६१ हमारा पदों लेकिन यदि बहू बीमार हो जाय तो डाक्टर को दिखाते समय उसका भिन्न रूप बना दिया जाता है । बहू को कपड़े से ढाक कर एक पुलिंदा बना दिया जाता है। डाक्टर को जो कुछ पूछना हो वह घरवालों से ही पूछ सकता है । संकट के समय स्त्रियों की क्या अवस्था होती है, परदा उनके जीवन में किस प्रकार दुश्मन हो जाता है इसका अनुभव मुझे कई बार हुआ है । संकट के क्षणों में कई बार स्त्रियाँ हतबुद्धि सी हो गई और कई स्थानों पर उन्हें घसीटकर घरों से बाहर निकाला गया । परदे के कारण गृह-व्यवस्थामें जो कठिनाइयाँ होती हैं, महमानों के आने पर जो संकट खड़ा हो जाता है उसका हमें प्रतिदिन अनुभव होता ही है । हमारी स्त्रियाँ परोस नहीं सकतीं । मेहमानों के आदर-सत्कार की व्यवस्था नहीं कर सकतीं । घर में कोई मेहमान आ जाय तो स्त्रियों के लिये घर जेलखाना बन जाता है । उनका बाहर निकलना बंद हो जाता है और किसी कमरे का सहारा लेकर उन्हें अपना समय गुजारना पड़ता है । पुरुषों की कठिनाइयाँ बढ़ जाती हैं और हमारी गृह-व्यवस्था जितनी सुंदर होनी चाहिए उतनी नहीं हो पाती । परदे के कारण प्रवास में भी अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । परदा लज्जा का लक्षण है और शील का पोषक है, इस प्रकार की भावना अद्यापि हमारे समाज में बनी हुई है। लज्जा और शील परदे में नहीं, आंखों में और मन ‘में है । परदा लज्जा का पोषक नहीं, लज्जा का विनाशक है । हम देखती हैं कि परदा. हमारे शील के लिये सहायक न होकर अनेक बार कायरतावश नाश का कारण हुआ है । परदे में शील है, ऐमा कहते समय हमें याद रखना चाहिये कि जिन समाजों में परदा नहीं है उन समाजों का न शील हमसे कम है, न सदाचार । परदे से स्त्री कायर बन जाती है और उसकी आँखों का पानी निकल जाता है । अतः हमें परदा हटाना चाहिए और अपनी स्त्रियों की आँखों में वह तेज पैदा करना चाहिए, वह विनय पैदा करना चाहिए जो हमारी संस्कृति और शील की रक्षा कर सके। इधर परदा-निवारण के संबंध में हमारे समाज में काफी आंदोलन हो रहा है । वयोवृद्ध परदा-निवारण की उपयोगिता स्वीकार करते हैं । युवक परदा प्रथा के विनाश कार्य में संलग्न दिखाई देते हैं। हमारी हरएक सामाजिक सभा परदा-निवारण का प्रस्ताव पास करती है । एक मत से प्रस्ताव पास होते दिखाई देते हैं परंतु व्यवहार में परदा निवारण का कार्य नहीं के समान प्रतीत होता है । इतने बड़े विशाल हिन्दू समाज में इनी गिनी स्त्रियाँ संपूर्ण रुपेण परदा छोड़े हुए