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अङ्क २]
[दृश्य १
न्याय

वह बहुत अच्छा और शरीफ़ आदमी था। मैंने कभी उसका कोई दोष नहीं देखा। मुझे तो बड़ा आश्चर्य हुआ था, जब उसने ऐसी हरकत की।

फ़्रोम

क्या कभी उसने ऐसा मौका दिया था, जिससे उसकी ईमानदारी पर आपको संदेह हुआ हो?

कोकसन

नहीं, हमारे दफ़्तर में बेईमानी! नहीं, ऐसा कभी नहीं हुआ।

फ़्रोम

मुझे विश्वास है, मिस्टर कोकसन कि जूरी महोदय गण आपकी बात को ध्यान से सुन रहे हैं।

कोकसन

हर एक रोज़गारी आदमी जानता है कि कारबार में ईमानदारी ही सब कुछ है।

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