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[पञ्चतन्त्र
 

सहायक हो तो वह जीवन-रक्षा कर सकता है; जैसे कर्कट ने सांप को मार कर प्राण-रक्षा की थी।"

स्वर्णसिद्धि ने कहा—"कैसे?"

चक्रधर ने यह कहानी कही—