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पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२६७

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पउमचरित [क०३,३-९,४,१-९ सरियउ णीसरेवि' महीहरहों ढोयन्ति सलिलु रयणायरहों ॥३ मोत्तिय-मालउ सिरें कुञ्जरहों उपसोह देन्ति' अण्णहों णरहों ॥ ४ धाराउ लेवि जलु जलहरहाँ सिञ्चन्ति" अङ्गु णव-तरुवरहों ॥ ५ उप्पजवि" मज्झं महा-सरहाँ णलिणि वियसन्ति दिवायरहों ॥६ । सिरिकण्ठ-कुमारहों दोसु कउ तउ दुहियऍ" लइउँ सयम्वरउ' ॥७ तं णिसुणेवि" णरवइ लजियउँ थिउ माण-मडप्फर-वजियउँ॥८ ॥ घत्ता॥ 'कण्णा दाणु कहिं(?) तणउ होइ सहावें मइलणिय TO गउ एम भणेवि णराहिवइ बहु-दिवसहि उम्माहय-जणणु सब्भावें भणइ कित्तिधवल तिह अच्छहुँ मजण-पाण-पियं महु अत्थि" अणेय दीव पवर कुस-कञ्चण-कञ्चुअ-मणि-रयण ववर-वजर-गीरों वि सिरि वेलन्धर-सिङ्घल-चीणवर जइ ण दिण्णु तो तुडिहिँ चडावइ । छेयक-लें दीवय-सिह णावई' ॥९ [४] सिरिकण्ठे परिणिय पउमवइ ॥१ णिय-साल पेखवि गमण-मणु ॥ २ 'जिह दूरीहोइ ण मुह-कमलु ॥ ३ किं विहि ण पहुच्चई एह सिय ॥४ हरि-हणुरुह-हंस-सुवेल-धरै ॥५ छोहार-चार-वाहण-जवण ॥ ६ तोयावलि-सञ्झागार-गिरि ॥ ७ रस-रोहण-जोहण-किकुधर ॥ ८ 15 ॥ घत्ता॥ 20 भार-भरक्वम-भीम-त. णिवाडेप्पिणु धम्मु जिह एय महारा दीव विचित्ता। जं भावइ तं गेण्हहि मित्ता' ॥९ संचिंति. 71 नीसरिवि, SAणीसरिवि. 8 PS सिर. 9A दिति. 10s जल. 11 " सेंचिंति, 1 उपजइ, उपजवि. 13 s लिणिय, A णलिणिउं. 14 A तुह. 1512 ; दुहिए. 16 लइयउ, : लयउ. 17 5 णिसुणिवि. 18 " लजिअउ. 19 °मड- प्फरु. 20 °वजिअउ. 21PS कहिं तणउं, A कहि त्तणउ. 22 न. 25 15 दिन्नु. 2115 तुडिहि.25A "कालि. 4. 15 दिवसें. 21 सालउं.. PA पेक्खिवि.4A गवण.5 कित्तिधवलो. GPS अच्छहु. 75°पिया. 81 $ विहि. 9A पहुप्पइ. 10 1 अच्छि. 11 12 दीयपवर, दीहपवरा. 1: ' s हगाह'. 13 11 > 'सुवेलयर. 14 15 कंचुय'. 15 " ५ °वीण'. 16 Ps °सीरा. 17 ' s तोयायलि', A तायावलि'. 18 s °किक्कुघरा. 19 P°खम, ७ खेम. 20s "तउड. 11 Ps विचित्त. 22 गिम्हहि, A गिन्हहिं. 23 IS A मित्त.