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पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२८५

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७२ पउमचरिउ [क०३, ७-९,१, १-९,५,१-४ छुडु धीरसणु होई मणूसहा लच्छि कित्ति ओसरई ण पासों' ॥७ एम भणेप्पिणु दिण्णु पयाण चलिउँ सेण्णु सरहसु स-विमाण ॥८ ॥ घत्ता । हय-गय-रहवर-णरवरहिं महियले गयणयले ण माइयउँ । दीसइ विझे-महीहरहों मेहउलु णाई उद्धाइयउँ ॥९ [४] तं जमकरणहों अणुहरमाण णिसुणेवि रक्खहों तणउ पैयाणउ ॥ १ उभय-सेढि-सामन्त पणट्ठा गम्पिणु इन्दहों सरणे पइट्ठा ॥२ तहि अवसरे वलवन्त महाइय मालिहें केरा दूअं पराइयै ॥ ३ . 'अहो अहो रहणेउर-पुर-राणा कप्पु देवि" करें" सन्धि अयाणा ॥ ४ दुजउ लङ्काहिउ समरङ्गणे छुडु जेण णिग्याउ जमाणणें ॥५ राय-लच्छि तइलोक्क-पियारी दासि जेम जसु पेसणगारी" ॥६ तेण समाणु विरोहु असुन्दरु' आऍहि" वयणेहिं कुविउ पुरन्दरु ॥ ७ 'दूउ भणेवि तेण तुहुँ चुकर्ड णं तो जम-दन्तन्तर दुक्कउ ॥ ८ 16 ॥ घत्ता ॥ को सो लङ्क-पुराहिवइ को तुहुँ किर सन्धि कहों" त्तणिय । जो जीवेसइ विहि मि रणे महि णीसावण्ण तहो तैणिय ॥ ९ [५] गय ते मालि-दूय णिब्भच्छिय दुबयणावमाण-पडिहत्थिय ॥१ "सण्णज्झई सुरिन्दु सुर-साहणु कुलिस-पाणि अइरावयं-चाहणु ॥२ सण्णज्झइ तणु-हेइ हुआसएं धूमद्धउ कुयारि मेसासणु ॥ ३ सण्णज्झइ जमु दण्ड-भयङ्कर महिसारूढ पुरन्दर-किङ्करु ॥४ 14 PS होउ. 15s उसरह. 16 P8 एव. 17 PA पयाणउं. 18A चलिउं. 19 A सविमाणसं. 20 A परवरिहिं. 21 महियलि गयणयलि. 20 " माइअउं, मायूयउ. 23 Ps विझइरि. 24 P $ उद्घाइअउ. 4. 1 P A अणुहरमाणउं. 2 5 वक्खहो. तणउं पयाणउं. 4 A उहयसेमि०. 5 P सरणि, 5 सरण, A सरणु. 6 P$ तहि. 7 बलेवंत. 8 5 महाइया. 9 हू. 108 पराइया. 11 P could not be used for the text from °उरपुरराणा up to कुम्भवीढे पम्भि (VIII 9 8), because folio no. 24 in l' covering that portion is mis- sing. 12s देहि. 13 5A करि. 14 s जं. 158 पेसणयारी. TGS मायहिं वयणेहि. 17A कुइउ. 18 s तुहु. 19 A चुकडं. 20 s दंतंतरे. "1 A कहु. 22 तणिय. 23 विहिं मि. 24 तहु सणिया. 5. 18 पउहस्थिय, A पडहच्छिय. 2 A सनज्मइ. 3 भइरावह. 4s हुयासणु. 5A कुंजारि.61 A जमदंडु.