पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३०४

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क.१२,१-९१,-4] एगारहमो संधि & [१२] 'आएं समाणु किर कवणु खत्तु घाइज्जइ णासन्तो वि सत्तु ॥ १ जं फिट्टइ जम्म-सर्याहँ काणि' किर जाम पधावई झूल-पाणि ॥२ अवरुण्डेंवि धरिउ विहीसणेण 'किं कायर-णर-विद्धंसणेण ॥ ३ सो हम्मई जो पहणई पुणो वि किं उरंउ म जीवउ णिचिसो वि ॥ ४ णासउ वरा णिय-पाण लेवि' थिउ भाणुकण्णु मच्छरु मुऍवि" ॥५ एत्यन्तरें वइसवणहों मणिदु सु-कलत्तु व पुप्फ-विमाणु दिदु ॥ ६ तहिँ चडिउ णराहिउँ मुऍवि सङ्क पट्टविय पसाहा के वि लङ्क ॥ ७ अप्पुणु पुणु जो जो को" वि चण्डे तहों तहों दुक्का जिह काल-दण्डु ॥८ ॥ घत्ता ॥ णिय-वन्धव-सयणेहिँ" परियरिउ दणुवइ दुदम-दमन्तउँ । आहिण्डइ लीलऍ इन्दु जिह देस-मैं यं भु अन्तउ ॥९

[११. एगारहमो संधि] पुप्फ-विमाणारूढाण दहवयण धवल-विसालाई। णं घण-विन्दई अ-सलिलइँ दिइँ हरिसेण-जिणीलाइँ॥१॥ . 20 तोयदवाहणं-म-पईवें पुच्छिउ पुणु सुमालि दहगीवें ॥१ 'अहाँ अहाँ ताय ताय ससि-धवलइँ एयइँ किंण जलुग्गर्य-कमलइँ ॥२ किं हिम-सिहरइँ सा.वि मुक्कई किं णक्खत्त थाणहो चुकइँ ॥ ३ दण्डुद्दण्ड-धवल-पुण्डरियइँ किं काह "मि सिसुप्परि धरियइँ ॥४ अब्भारम्भ-विवजिय-गब्भइँ किं भूमियले गयइँ सुन्भब्भ. ॥५ किय-मङ्गल-सिङ्गार-सहासइँ किं" आवासियाइँ कलहंसइँ ॥६ 12. 18 आयं. 2' adds m above the line. 3 ' जं, A जे. 4 A सयहो वि. 5 PS जाव. 6 PS एधावह. 7 ' हम्मई. 8 P A पहणइं. । जीवड, s जीवह. 10 A बगउ. 11 A सुएवि. 12 s इत्थंतरि. 13 : $ पुष्फबिमाणु. 14 A राहि उ. 15 A missing. ..16 , चंदु. 17 A सयणहं. 18 ! S दुइमदंतउ. 19 PS चंदु. 20 P सह, 4 सइं. 1. 1 P°विसालएं, °विलालई. 2 A "वंदइ. 3 28 °जिणालई. 4 PS तोयदपाहणु. 5.P वैसि, बंसु. 6 A पईवे. 7 Ps तु. 8 A जलग्गय.9 8 सण्डे वि, A साडिवि. 10 " णवत्तई, s णखत्तइ. 11 P चंदुइंदु, s चंडुइंदु. 12 P कहि मि, s कहंमि, A काहवि. 13 A यइं. 14 कियभूमियभूमियलि. 15 s गयंदु. 161 भवई भई, A सुटभन्मइ. 17A किय. [१२] १ धनदेन सह. २ कुम्भकर्णः त्रिशल-करे कृतः (१). ३ सर्पः. [१] १ छत्राणि.