पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३०७

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२४ . 10 पउमचरित [क०५,४-३,६,१-१ गयवइ णिऍवि विरोल्लिय-णयणे हसिउ पहत्थु णवर दह-वयणें ॥ ४ 'हउँ जाणमि पचण्डु तम्बेरमु णवर विलासिणि-रूढ व मणोरमु ॥५ हैउँ जाणमि गइन्द-कुम्भत्थलु णवर विलासिणि घण-थण-मण्डलु ॥ ६ जाणमि सु-विसाण अ-कलङ्कइँ णवर पसण्ण-कण्ण-ताडैङ्कइँ ॥ ७ हउँ जाणमि भमन्ति भमर-उलइँ णवर णिरन्तर-पेलिय-कुरुलई ॥८ ॥ घत्ता॥ जाणमि करि-खन्धारुहणु अञ्चन्तु होइ भय-भासुरउँ । णवर पहत्थ मज्झु मणहों उबहई णवल्लु णाइँ सुरउ' ॥९ [६] पुष्फ-विमाणहों लीणु दसाणणु दिहुँ णियत्थु किउ केस-णिवन्धणु ॥ १ लइय लट्ठि उग्घोसिउ कलयल तूरइँ हयइँ पधाइउ मयगलु ॥२ अहिमुहुँ धणय-पुरन्दर-वईरिहे वासारत्तु जेम विन्झइरिहें ॥ ३ पुक्खरें ताडिउ लक्कुंडि-घाएँ णावइ काल-मेहुँ दुबाएं ॥४ देइ ण देइ वेज्झु उरे जाहिं विजुल-विलसिय-करणे ताहि" ॥५ ॥ पच्छले चडिउ धुणेवि भुवं-डालिउ 'वुदवुर्दै' भणेवि खन्धे अप्फालिउ ॥६ जवि पुणु वि करेणालिङ्गेवि सुविणा(?)दइउ जेम गउ लड्थेवि" ॥७ खणे गण्डयले ठाइ खणे कन्धरै खणे चउहुँ मि चलणहुँ अब्भन्तरें ॥८ ॥ घत्ता॥ दीसइ णासइ विष्फुरई परिभमइ चउद्दिसु कुञ्जरहों। चलु लक्खिज्जइ गयण-यले णं विजु-पुजु णव-जलहरहों ॥ ९ 4 s णियवि. 5 P विरोल्लेलिय', s विरिल्लियं, A विरलिय'. GA नवरि.7 रयउ, s रस व, A रूउ. 8 This and the next line missing in A. 9PS हउ. 10 P S गयंद'. 1115 जाणवि. 12 ताडकइ. 13 A णवरि. 14 P$ कुरलई. 15 R S A भवंत. 16 P . भासुरउं. 17 18 महु. 18 : उच्छहइ. 1.9 1 A सुरउं. 6. 1 ' पुष्प', 8 पुष्फ. 2A डीणु. 35 दिट. 4 P inarginally 'णियंवु' पाटे, A णियं. 5 P A अहिमुहूं. 61 वहरिहें. 7 विज्झइरिहें, S विशइरिहिं. 8 PS A पुक्खरि. 9 P लकति, A लक्कडे. 10 P कालु मेहु. 11 5 विंझु. 12 A जावहिं. 13 A करणे. 14 A तावहिं. 15 A भु. 16 A भुदभुद. 17 5 जं थिउ, A जेभिउ. 18 " सुइणादइंउ, $ सुयणादयउ. -19 P S लंघिति, A निग्गेवि. 20 9 चउमुहु मि, A चउहुं मि. 21PS चलणहु, चलणहं. 22P विफुरइ. 23 A चउदिसु लविखजह मणो(ह deleted)रहहो. [५] १ गजपति. २ विस्फारित. ३ दन्त. ४ केशानि. ५ प्रहस्थु सेनापतिः. ६ प्रतिभासते. [६] १ सन्मुखम्. २ रावणस्य. ३ मेघः, ४ मुण्डि. ५ हस्ति-चालण-भाषा. ६ गले रागैः कृत्वा पीडितः. ७ बलभः. 20