पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/३२८

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2.11-1250-6] बउदहमो संघि ११५ $ णम्मयाऍ मयरहरहाँ जन्तिएँ णाई पसाहणु लइउ तुरन्तिऍ॥१ घवघवन्ति जे जल-पब्भारा ते जि णाई णेउर-अङ्कारा ॥२ पुलिणइँ जाइँ वे वि सच्छायई ताई में उडणाइँ णं जाय ॥३ जं जलु खलइ वलइ उल्लोलइ रसणा-दामु तं जिणं घोलइ॥४ जे आवत्त समुट्ठिय चङ्गा ते जि णाई तणु-तिवलि-तरङ्गा ॥ ५ जे जल-हस्थि-कुम्भ' सोहिल्ला ते जि णाइँ थण अद्धुम्मिल्ला ॥ ६ जो डिण्डीरे-णियरु अन्दोलइ णावइ सो जें हार रोलइ ॥७ जं जलयर-रण-रङ्गिाउ पाणि तं जि णाई तम्बोलु समाणि ॥८ मत्त-हत्थि-मय-मईलिउ जं जलु तं जि णाइँ किउ अक्खिहिँ कजलु ॥ ९ ॥ जाउ तरङ्गिणि अवर-ओह ताउँजि भङ्गुराउ गं भउहउँ ॥ १० जाउ भमर-पन्तिउ अल्लीण केसाँवलिउ ताउ णं दिण्णउ ॥ ११ ॥ धत्ता ॥ मझें जन्तिएँ मुहुँ दरसन्तिऍ माहेसर-लक-पईवहुँ । मोहुप्पाइ "णं जरु लाइउ तहुँ सहसकिरण-दहगीवहुँ ॥ १२ ॥ [४] सो वसन्तु सा रेवा तं जलु सो दाहिण-मारुउ मिय-सीयलु ॥ १ ताई असोय-णाय-य-वणइँ महुअरि-महुर-सर लय-भवणइँ ॥२ ते धुयगाय ताउ करोलिउ ताउँ कुसुम-मञ्जरि-रिन्छोलिउ ॥ ३ ते पल्लव सो कोइल-कलयलु सो केयइ-केसर-रय-परिमलु ॥ ४ ताउ णवल्लउ मल्लिय-कलियर दवणा-मञ्जरियउ णव-फलियउ॥५ ते अन्दोला तं जुवईयणु पेक्वेवि सहसकिरणु हरिसिय-मणु ॥ ६ सहुँ अन्तेउरेण गउ तेत्तहें णम्मय पवर महाणइ जेत्तहें ॥ ७ दूरे थिउ आरक्खिय-णिय-चल जलु जन्तिऍहि णिरुद्ध णिम्मलु ॥ ८ 3. 1Ps ये वि जासु. 2 P उढणाइ, A ओतणाई. 3 PS सयलकुंभिल्ला. 4 PS डिंडी. रु. 5s अंदोलई. 6 लि.7 8 रंगीउ.8 P A पाणिउं. 9 P सवाणिउ, A समाणिउं. 107 'महलिउं. 11 ? अक्सिडं, अक्सिहु. 12 4 तरंगिल्लिउ. 13 Pउहउ, A उहवं. 14PA मह. हडं, 3 भउहमओ. 15 3 भल्लीणी, A मल्लीणउ. 16 A वाउ जि मलयालिउ मल्लीणड. 178 महु, मुहूं.18 P °पईग्रहुं, पईयहु. 19 P उप्पाइड, उपायउ. 20 Ps मणे. 1 रेवय. 2 3 ताव. 3. वहलियड. 4 Ps दूरे (s दूरि) थिय, दूरधरें घिउ भारक्खिपवलु. 5 P 8 जंतिभए. 6 : गिरुखलं. 20 4. [३] १ विलासति.