पृष्ठ:पदुमावति.djvu/६७८

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पदुमावति । २8 । मंत्रौ-रखंड । [२५८ बाढत झारा- उपनौ उपनद (उत्पद्यते ) का भूत-काल, स्त्रीलिङ्ग, एक-वचन । हिश्र हृदय । बारी वालिका ( पद्मावती) वा वाटिका = बाग । कमि कहा= अकथयत् । कस = कथम् = क्यों । होहु = हो (भवत ) । दुहेलो = दुहेलो = दुःखिता । अरुझौ = अरुझर ( अवरुध्यते ) का भूत-काल, स्त्रीलिङ्ग, एक-वचन। पेम = प्रेम। कड् = को। बेलौ = वल्ली। जनि = न = मत । अरुझदू = अरुझे (अवरुध्येत )। कोई = कोऽपि । अरुझा= अरुझा हुआ = अवरुद्ध। = मरता है = मरति। छूटद् = कूटता है (छन्द्यते)। सोई = स हि = वह । असद = ऐसे हो = एतादृश । तनु = शरीर। डाढा = डाढ दाहदू (दहति) =जलाती है। पलुहत = पल्लवित लगने में। बढते बर्धयन् । दुख = दुःख । बाढा = बाढ (वर्धते ) का भूत-काल, पुंलिङ्ग का एक-वचन । कदू = के यहाँ को। अमर = जो मरे न हौँ । सो = सो = वह (परमात्मा, भगवान् )। बोई = बोअर (वपति) का भूत-काल. स्त्रीलिङ्ग, एक-वचन । बढदू = वर्धते = बढती है। खौन = क्षीण = नाश । होई = भवति = होती है। संग = सङ्ग = साथ । बिरह विरह =प्रियवियोग । अपारा = अपार = बेहद्द। सरग = वर्ग। पतार = पाताल । जरद = ज्वलति = जलता है। सहि =लिस के उस के। झार = तेजी तौब्रप्रभाव। अकेलि = अकेली एकला। चढि = चढ कर (उच्चल्य)। छावा छाव = छावद् (कादयति) = छावती है। दोसर = दूमरौ= द्वितीया। सरिवरि= बराबरी सादृश्य साम्य। पावा- पाव-पाव ( प्राप्नोति )=पाती है। उरझाद उरझद (अवरुयते ) = अरुझती है। जब = यदा तब= तदा । वह = छाया। माख = शाखा : मिल = मिले ( मिलेत् )। पिरौतम = प्रियतम = सब से प्यारा। भादू कई = एत्य = श्रा कर । दाख = द्राक्षा = अङ्गर । चाख = चखे ( चषेत् ) = चकवे ॥ हीरामणि ने जो नाडौ वा नारी ( पद्मावती) देखो तो (समझ लिया कि इस के) हृदय-वाटिका में प्रौति की बेलि उत्पन्न हुई, वा इस वालिका के हृदय में प्रीति-बेलि उत्पन्न हुई। (देख कर शुक ने ) कहा कि (तुमारे हृदय में ) प्रीति-वेलि अरुझ गई फिर तुम क्यों न दुखिश्रा हो। (ईश्वर करे) कोई प्रौति-वेलि में न अरुझे, (काँकि ) अरुझने-वाले के मरने पर भी वह प्रौति- वेलि नहौँ कूटती, अर्थात् मरने पर भी प्रौति-बेलि से छुटकारा नहीं होता। (जैसो तुमारौ शरीर जल रही है ) उनी तरह प्रौति-वेलि शरीर को जलाती है, प्रीति-बेलि के उत्पन्न होने में तो सुख जान पडता है ( परन्तु यह ज्यों ज्यों ) बढती जाती है ( त्यों त्यों ) उसी के साथ दुःख बढता जाता है।