पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/१२९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

Pada 2] The Relation of God. ET (२) अनुवाद. इस प्रकार की आरती तीनों भुवनों का उद्धार करती है । जहाँ प्रकाश का पुंज है, वहाँ प्राणों को न्योछावर कर पाँच पत्तीवाले पाँच फूलों से पूजन करो । निरंजन देव को छोड़कर दूसरा कोई देव नहीं है । तन, मन, सिर को समर्पण कर के प्रकाशमान ज्योति में आत्मा को लीन करो । वहां ज्ञान दीपक है, शह घंटा ध्वनि है; जो परम पुरुष दिखाई पड़ता है, वही अनन्त देव है । कवीर कहते हैं, स्वयं प्रकाशमान होते हुए अखिल विश्व को प्रकाशित करने वाले हे ईश्वर ! मैं तुम्हारा दास हूं ।