पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/१४९

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Pada 11] The Relation of God. ९१ (११) अनुवाद. मैं मध्य धार का मल्लाह हूँ । तुम भवसागर के केवट हो । जब मुझ दास पर कृपा-दृष्टि हो तो नैया गंगा के तट पर लग जाय । मैंने तुम को सुरसरि के पार लगा दिया । तुम मुझ को भवसागर के पार लगा देना । हे भगवन्, जिस योनि में मैं जन्म लूँ, तुम ( मुझे ) अपना दास बना लेना ।