पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/१५३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

Pada 13] - The Relation of God. (१३) अनुवाद. मेरा मन अन्यत्र कहां सुख पावे ? जहाज पर का पक्षी उड़कर फिर जहाज़ पर ही आता है । कमलनयन के महात्म्य की उपेक्षा करके दूसरे देव की उपासना ( कौन ) करेगा ? श्रेष्ठ गंगा को छोड़ कर ( कौन ) दुर्मति प्यासा कूप खुदवायगा ? जिस भ्रमर ने कमल का रस चख लिया, वह क्या कँटीली झाड़ी का फल चाहेगा ? सूरदास पूछते हैं कि हे प्रभु ! कामधेनु को छोड़कर छेरी कौन दुहावेगा ? | १५