पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/१५४

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न. परमार्थसोपान [Part 1 Ch. 3 14. LIFT UP THIS BLIND MAN, O GOD, TO THY PINNACLE THROUGH TORTUOUS AND DARK ASCENTS. नैनहीन को राह दिखा प्रभु पग पग ठोकर खाऊँ मैं 11211 तुमरि नगरिया कि कठिन डगरिया चलत चलत गिरि जाऊँ मैं ॥२॥ चहू ओर मेरे घोर अँधेरा, भूल न जाऊँ द्वार तेरा 11311 एक बार प्रभु हाथ पकड़ लो, मन का दीप जलाऊं मैं 11811