पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/२१०

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१५२ परमार्थसोपान [Part 1 Ch. 5 3. MIRABAI ON THE DOCTRINE OF APPROXIMATION. साधु कि संगत पाई रे, जाकी पूर्ण कमाई रे 111 2.11 साधु कि संगत गुरुजी की सेवा, चनत बनत बनि आई रे 11 % 11 सुमिरे नामा और कबीरा, तीसर मुक्ताबाई रे 113 11. मीरा के प्रभु गिरिधर नागर, जोत में जोत मिलाई रे 11 3 11