पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/२११

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Pada 3] Ascent. १५३ (३) अनुवाद. ( मैं ) उन साधुओं की संगत पा गई, जिनकी कमाई पूर्ण थी। साधुओं की संगति से और गुरुजी की सेवा से ( मेरी साधना ) धीरे धीरे पूर्णता को प्राप्त हुई । नामदेव ने स्मरण किया, कवीर ने स्मरण किया और तीसरी मुक्ताबाई ने भी स्मरण किया । मीराबाई कहती है कि हे प्रभु गिरिधर नागर, इन सब ने ज्योति में ज्योति मिला दी ।