पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/२५७

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Pada 25] Ascent. १९९. (२५) अनुवाद. राम की बहुरिया बाज़ार लूट रही है । सुरलोक लूट कर नागलोक लूटा | तीनों लोकों में हाहाकार मच गया । ब्रह्मा को लूटा महादेव को लूटा नारदमुनि के पीछे पड़ गई । शृंगी ऋषि का मर्दन कर डाला । पराशर का पेट फाड़ा | कनफूँका और चिदकाशियों को लूट लिया । योगेश्वर लुट जाने से विचार करने लगे । कवीर कहते हैं कि हम तो साहब की दया से बच गए और शब्द रूपी डोर पकड़ कर पार उतर गए । हे साधो ! इस ठगनी से होशियार रहो ।