पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३१४

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દ परमार्थसोपान [ Part II Ch. 4 16. MEDITATE IN SILENCE; FOR GOD IS NOT DEAF. काँकर पाथर जोड़कर, मस्जिद लई चुनाय | ता चढ़ि मुल्ला बाँग दे, क्या बहिरा हुआ खुदाय | अजान से ही वेडर कुल, एंजिन की सीटी है । जिसको सुनकर सेख ने, छाती अपनी पीटी है ॥ वाह्मन से गढ़हा भला, भला देव से कूता । मुल्ला से मुरग़ा भला, लोक जगावे सोता ॥ 17. CONTROL OF THE WANDERINGS OF THE MIND. माला तो कर में फिरें, जीह फिर मुख माहिं । मनुवा तो दस दिसि फिरै, यह तो सुमिरन नाहिं | 18. INTENSE CONCENTRATION OF THE MIND UPON GOD. तू रद्दीम मन आपनो, कीन्हो चारु चकोर । निसि बासर लाग्यो रहै, कृष्ण चन्द्र की ओर ॥