पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३१७

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Dohas 19-21] Pilgrimage २५९ (१९) अनुवाद. प्रियतम की प्रभा नयनों में बसी है। दूसरी प्रभा कहां समावे ? रहीम कहते हैं कि सराय को भरी हुई देख- कर मुसाफिर आता है लौट जाता है । (२०) अनुवाद. जिन्होंने गहरे पानी में प्रवेश कर खोजा, उन्होंने पाया। मैं पगली डूबने से डर गई, और किनारे पर ही बैठी रही । (२.१) अनुवाद. रकीवों ने थाने में जा जा कर रपटें लिखाई हैं कि अकबर इस ज़माने में भी ख़ुदा का नाम लेता है ।