पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३२३

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Dohas 28-29] Pilgrimage २६५ (२८) अनुवाद. सरोवर सूख जाने पर पक्षी उड़ जाते हैं और अन्यत्र आश्रय लेते हैं । रहीम कहते हैं, पंखहीन बेचारा मत्स्य, कहो, कहाँ जाए ? (२९) अनुवाद. नैया के किनारे बराबर पानी आगया है । उस पर भी हवा बहुत तेज चल रही है । हे रघुवर ! हम पर कृपा दृष्टि रखो और हमें ( नदी के ) पार उतारो।