पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३२९

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Dohas 4-6] Ascent શ્ (४) अनुवाद. जो देखता है, वह कहता नहीं; जो कहता है, वह देखता नहीं। जो सुनता है वह समझाता नहीं । रसना, हग, श्रुति इन में से कौन किस को समझाता है ! (५) अनुवाद. जिस प्रकार गूंगे के संकेत को गूँगा ही पहचानता है, उसी प्रकार ज्ञानी के संकेत को ज्ञानी ही जानता है । (६) अनुवाद. जहाँ कजड़ों की हाट हो, वहाँ हीरा मत खोलो । विना सोचे गाँठ में बाँधकर अपनी बाट लग जाओ ।