पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/३३८

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२८० परमार्थसोपान [ Part II Ch. 5 19. RESIGN YOURSELF TO THE PERSON WHO MANIFESTS HIMSELF IN THE LIGHT OF MEDITATION. सुन्न सहज मन सुमिरते, प्रगट भई इक ज्योत । ताहि पुरुष, बलिहार में, निरालम्य जो होत ॥ 20. ATONEMENT MEANS OF VISION. TRANSPARENCY लागी लागी सब कहैं, लागी बड़ी बलाय । लागी वही सराहिये, आरपार हो जाय || 21. THE SEEING OF THE FACE IN THE MIRROR OF THE HEART. हृदया भीतर आरसी, मुख तो देखे नाहिं | मुख तो तब ही देखिहौ, दिल की दुविधा जाहि ॥