पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/४१२

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62 झिलमिलै - परमार्थसोपान - टिप्पणी [ Part 1 Ch. V Intermittent sparks; twinkling lights. बिनु जल वरसत पानी हो - • There is no water; yet there is a 'shower' of light. एक रत – (1) A contraction of एक रात (2) लगातार Continuously. - - दस अवतार एक रत राजै All the ten Avataras come and go in a cinemetographic manner during a single night to a Yogi as to the Creator. हरि रस - 18 अमृत रस is particularly dealt with by Hindi Saints. पीया मीराबाई - मीराबाई का जन्म सं. १५५५ है और कबीर का जन्म सं. १४५५ है । अतएव इस पद में कवीर द्वारा मीराबाई का उल्लेख विश्वसनीय नहीं प्रतीत होता । मीराबाई के स्थान में मुक्ताबाई का पाठ युक्ति संगत होगा । मोल का - ( 1 ) very valuable; (2) - - क्या मोल है ? धड़ पै सीस न होय cf. ' सीस उतारे भुइ घरे ' Kabir. Also cf. " हरिनो मारग छे शूरानो । नहिं कायरनु काम जाने । सुत.वित द्वारा सीस समरपे । ते पाये रस पीवा जोने ॥ आगे आगे' - - प्रीतम " 'पीछे – पीछे not repeated. cf. ' आगे आगे राम चलत हैं, पीछे लछमन भाई' contrast, however, पीछे पछि हरि फिरें. आगे आगे दावा जलै रे, पीछे हरिया होय - He who suffers the conflagration of fire is rewarded by the greenness of God's grace. 'प्रेम पंथ पावकनी ज्वाला । आळी पाछा मागे जोने । माहि पड्या ते महा सुख माणे । देखणारा दाझे जोने ॥ - - प्रीतम । हरिरस महँगा सा पिये धड़ पै सीस न होय - Here, the अलंकार is विभावना.