पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/६५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

• Pada 3 ] Incentives. (३) अनुवाद. मुसाफिर, तू बेहोश सोता है । ( तेरे ) नयन में नींद का जोश भरा है । जब तू इस नगरी में आया, तब ( अपने ) पास बहुत पूँजी लाया । उसे कछौंटे में खोंस ले, ऐसा न हो कि ठग उसे लूट ले जाय । जिस कार्य के लिये तू आया, वह सौदा कुछ नहीं कर पाया, यही बड़ा अफ़सोस है । तू झूठे सुख की नींद में सो गया । तूने बिना विचार सब माल खो दिया, ( फिर ) तू सब को दोप देता है । कृष्णानन्द कहते हैं - अगर अपने घर को जाना हैं, तो प्रभु हरि को जानकर उनके पदमें सन्तोष - कर ले ७