पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/७९

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Pada 10 ] Incentives २१ (१०) अनुवाद. रे! (तू) तन क्या माँजता है ? एक दिन मिट्टी में मिल जाना है । पगड़ी में फूल घर के रंगीला बनकर बाग़ में फिरता है | जब कालका झपेटा लगता है, तब (तू) चौकड़ी भूल जाता है । जबतक दीपक में तेल और बत्ती हैं, तत्रतक वह जगमग जगमग करता है । जब तेल चुक जाता है और बत्ती विनष्ट हो जाती है, तब उसके लिये " ले चल ले चल" होती है । घर की स्त्री झिरझिर रोती है, कि मेरी जोड़ी बिछुड़ गई । तब प्रभुदास उठकर इस प्रकार बोलते हैं कि जिसने जोड़ी जोड़ दी, उसी ने तोड़ दी ।