पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/८०

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२२ परमार्थसोपान [ Part I Ch. 1 11. THOSE WHO HAVE GONE NEITHER RETURN NOR SEND ANY MESSAGE. बहुरि नहिं आवना या देस 112 11 जो जो गए बहुरि नहिं आए, पठवत नाहि सँदेस 112 11 सुर नर मुनि अरु पीर औलिया, देवी देव गनेस 113 11 धरि धरि जनम सबै भरमे हैं ब्रह्मा विष्णु महेस ॥३॥ जोगी जङ्गम औ संन्यासी, दीगम्बर दरवेस 118 11: चुण्डित, मुण्डित पण्डित लोई, सरग रसातल सेस ॥५॥ ज्ञानी, गुनी, चतुर अरु कविता, राजा रंक नरेस 11 & 11 कोइ राम कोइ रहिम बखानै, कोइ कहै आदेस ॥७॥ नाना भेष बनाय सबै मिलि, इंडि फिरे चहुँदेस ॥ ८ ॥ कहै कबीर अन्त ना हो, विन सतगुरु उपदेस ॥९॥