पृष्ठ:परमार्थ-सोपान.pdf/९७

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. Pada 4] Moral Preparation ३९. (४) अनुवाद. हे प्यारे मन, तुम फकीरी में लगे रहो । तुम जो सुख रामभजन में पाओगे, वह सुख अमीरी में नहीं पाओगे । सब भला बुरा। गुन लो । गरीबी में निर्वाह करो । प्रेमनगर में हमारी रहनी सत्र के कारण उन्नत हो रही है । हाथ में कूँडी बगल में सोटा लेने से चारों दिशाए जागीर में आती हैं । अभिमान क्यों करते हो ? अन्त में यह तन मिट्टी में ही मिल जायगा । कवीर कहते हैं, कि हे साधी, साहब सत्र से प्राप्त होता है ।