पुनर्निर्माण किया। उनकी महानता इस बात में भी है कि उन्होंने उत्तरी अमरीका के आदिवासियों के रक्त-सम्बन्धों पर आधारित जन-समूहों में वह कुंजी ढूंढ़ निकाली, जिससे प्राचीन यूनानी, रोमन तथा जर्मन इतिहास की सबसे महत्त्वपूर्ण तथा अभी तक अनबूझ बनी हुई पहेलियों को सुलझाया जा सकता था। परन्तु उनकी पुस्तक एक दिन का काम नहीं थी। लगभग चालीस वर्ष तक, जब तक कि वह अपनी सामग्री को पूरी तरह से समझ लेने में कामयाब न हो गये, वह उसके साथ जूझते रहे। यही कारण है कि उनकी पुस्तक हमारे काल की इनी गिनी युगान्तरकारी रचनाओं में से एक है।
आगे के पृष्ठों में जो व्याख्या दी गयी है, उसमें पाठक आम तौर पर आसानी से यह पहचान लेंगे कि कौनसी बातें मौर्गन की पुस्तक से ली गयी हैं और कौनसी मैंने ख़ुद जोड़ी हैं। यूनान और रोम की चर्चा करनेवाले ऐतिहासिक अंशों में मैंने अपने को केवल मौर्गन की सामग्री तक की सीमित नहीं रखा, बल्कि मेरे पास जो मसाला मौजूद था, उसका भी इस्तेमाल किया है। केल्ट और जर्मन लोगों ने संबंधित हिस्से मुख्यतया मेरे अपने हैं; इस विषय में मौर्गन के पास जो सामग्री थी वह प्रायः सारी की सारी मूल रूप में उनकी अपनी न थी, और जहां तक जर्मन परिस्थितियों का सम्बन्ध है, एक टेसिटस को छोड़कर, उन्हें मूल सामग्री के रूप में केवल श्री फ़्रीमैन[१] की भ्रष्ट उदारपंथी झुठाइयां ही उपलब्ध थीं। मौर्गन के उद्देश्य के लिए आर्थिक तर्क भले ही पर्याप्त रहे हों, पर मेरे उद्देश्य के लिए वे बिल्कुल अपर्याप्त थे, इसलिए उन्हें मैंने ख़ुद नये रूप में प्रस्तुत किया है। और अंतिम बात, उन हिस्सों को छोड़कर, जहां मौर्गन को स्पष्ट रूप में उद्धृत किया गया है, जो भी नतीजे निकाले गये हैं, उन सब की ज़िम्मेदारी मेरे ऊपर है।
Friedrich. Engels,
Der Ursprung der Familie,
des Privateigenthums und
des Staas, पुस्तक,
Hottigen-Zürich,
1884 में प्रकाशित।
- ↑ E. A. Freeman, Comparative Politics, London, 1873.—७