पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/१२

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१८९१ के चौथे संस्करण की भूमिका


इस रचना के पिछले बङे संस्करण लगभग छः महीने से अप्राप्य है और प्रकाशक * कुछ समय से चाहते रहे है कि मैं इसका एक नया संस्करण तैयार करूं। कुछ ज्यादा जरूरी कामों में फंसा रहने के कारण अभी तक मैं इस काम को न कर सका था। पहला संस्करण निकले सात वर्ष हो गये है, और इस काल में परिवार के आदिम रूपों के विषय में हमारे ज्ञान मे महत्त्वपूर्ण वृद्धि हुई है। इसलिये, आवश्यक था कि पुस्तक पाठ मे प्रवर्द्धन और सुधार का काम लगन के साथ किया जाये - खास तौर पर इसलिये कि इस नये पाठ के स्टीरियो-मुद्रण का विचार है जिससे आगे कुछ समय के लिये पुस्तक में और परिवर्तन करना मेरे लिये असंभव हो जायेगा।

अतएव , मैंने पूरी किताब को ध्यानपूर्वक संशोधित किया है और उसमें कई जगह नयी वाते जोड़ी है, जिनमे, मैं आशा करता हूं, विज्ञान की वर्तमान अवस्था का पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है। इसके अलावा, इस भूमिका में, मैंने बाखोफेन मे लेकर मौर्गन तक, परिवार के इतिहास के विकास पर एक सरमरी नज़र डाली है। यह मुख्यतया इसलिये कि प्रागैतिहासिक काल के अंग्रेज इतिहासकार, जिन पर अंधराष्ट्रवाद का असर है, आज भी इस बात की भरसक कोशिश कर रहे हैं कि आदिम समाज के इतिहास की हमारी धारणामों में मोर्गन की खोजो ने जो क्रान्ति की है, उसकी चुप्पी साधकर हत्या कर डाली जाये, हालांकि मोर्गन की खोजो

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• जो० दीत्म! -सं०

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