पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/५५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

से सामूहिक रूप से विवाहित होता है। पहले दो वर्ग जन्म से एक दूसरे के पति-पत्नी होते है। उनके बच्चे तीसरे या चौथे वर्ग के सदस्य हो जाते है, जो इस पर निर्भर करता है कि उनकी मां पहले वर्ग की है या दूसरे वर्ग की। इसी प्रकार तीसरे और चौथे वर्ग आपस मे विवाहित होते है और उनके बच्चे फिर पहले या दूसरे वर्ग के सदस्य हो जाते है। इस प्रकार एक पीढी के लोग सदा पहले और दूसरे वर्गों के सदस्य होते है। दूसरी पीढी के लोग सदा तीसरे और चौथे वर्गो के सदस्य होते है। और उसके वाद आनेवाली पीढ़ी के लोग फिर पहले और दूसरे वर्गों के सदस्य हो जाते है। इस व्यवस्था के अनुमार ( मौसेरे ) भाइयो व वहनों के बच्चे आपस में विवाह नहीं कर सकते , पर उनके पोते-पोतिया कर सकते हैं। यह विचित्र रूप से जटिल व्यवस्था उस समय और जटिल हो जाती है जव उस पर ऊपर से मातृसत्तात्मक गोत्रो की कुलम लगा दी जाती है, तो भी वह काफी बाद में होता है। पर उसकी चर्चा करना यहां सभव नहीं है। इस प्रकार हम देखते हैं कि अगम्यागमन पर प्रतिबंध लगाने की प्रवृत्ति किस प्रकार वार-बार जोर मारती है , पर उद्देश्य की साफ समझ न होने की वजह से , वह सदा स्वयंस्फूर्त ढंग से रास्ता टटोलती हुई आगे बढ़ती है। यूथ-विवाह को, जो आस्ट्रेलिया में अभी वर्ग-विवाह का-यानी एक पूरे महाद्वीप के विभिन्न भागो मे विखरे हुए पुरुषो के एक पूरे वर्ग का, इसी तरह दूर-दूर तक विखरी हुई नारियों के वर्ग के साथ विवाह का ही रूप धारण किये हुए है, ज्यादा नजदीक से देखने पर वह उतना भयानक नहीं लगता जितना हमारे कूपमंडूको ने चकलाधर के रंग में रंगी हुई अपनी कल्पना मे उसे समझ रखा है। इसके विपरीत, वरमों बीत गये पर किसी को शक तक न हुआ कि यूथ-विवाह जैसी कोई प्रथा अस्तित्व रखती है; और सचमुच अभी हाल में फिर लोगों ने उसके अस्तित्व के बारे मे मतभेद प्रकट किया है। महज़ ऊपर की सतही चीजों को देखनेवालों को यह एक प्रकार की ढीली-ढाली एकनिष्ठ विवाह की प्रथा मालूम पड़ती थी, जिसमे कही-कही बहु-पत्नी विवाह भी पाया जाता था और यदा-कदा पति-पत्नी एक दूसरे के साथ बेवफाई करते रहते थे। विवाह को ऐसी अवस्यानों के नियम का पता लगाने के लिए बरसो तक अध्ययन करने की आवश्यकता है। जैसा कि फ़ाइसन और हौविट ने किया था। व्यवहार में यह नियम औसत्त यूरोपवासी को उसके अपने वैवाहिक रीति-रिवाजों की याद दिलाता