पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/७९

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औरतें वहा चली जाती थी। स्त्रियां अकेले और विना एक दासी को साथ तिये वाहर नहीं जाती थी। घर मे उन पर लगभग पहरा-सा रहता था। एरिस्टोफेनस कहता है कि व्यभिचारियो को पास न फटकने देने के लिये मोलोस्सिपन कुत्ते घर में रखे जाते थे, और कम से कम एशिया के शहरों मे औरतों पर पहरा देने के लिये खोजे रखे जाते थे। हेरोडोटस के काल से ही कियोस द्वीप मे बेचने के लिये खोजे बनाये जाते थे। वाक्समुथ का कहना है कि वे केवल वर्बर लोगो के लिये ही नही बनाये जाते थे। यूरिपिडीज़ में पत्नी को oikuremass यानी गृह-प्रबंध के लिये एक वस्तु (यह शब्द नपुसक लिग का है) कहा गया है, और बच्चे पैदा करने के सिवा, एक एथेंसवासी की दृष्टि में पली का महत्त्व इससे अधिक कुछ नहीं था कि वह उसकी प्रमुख नौकरानी होती थी। पति अखाड़े मे जाकर कसरत करता था, सार्वजनिक जीवन में भाग लेता था, पर इस सब से पत्नी को अलग रखा जाता था ; इसके अलावा उसके पास दासिया भी होती थी, और एथेंस के उत्कर्ष काल में तो वहां बड़े व्यापक रूप में वेश्यावृत्ति भी होती थी। कम से कम यह तो कहा ही जा सकता है कि इसे राज्य की तरफ़ से वढावा मिलता था। इस वेश्यावृत्ति के आधार पर ही यूनान का वह एकमात्र प्रसिद्ध नारी-वर्ग विकसित हुआ था जो अपने बुद्धि-बल और कला-प्रेम के कारण, प्राचीन काल की नारियो के साधारण स्तर से उतना ही ऊपर उठ गया था, जितना ऊपर स्पार्टी को नारियां अपने चरित्र के कारण उठ गयी थी। एथेंस की पारिवारिक व्यवस्था पर इससे भयंकर इलज़ाम और क्या लगाया जा सकता है कि नारी बनने के लिये पहले हैटेरा बनना पड़ता था। कालान्तर मे एथेंस की यह पारिवारिक व्यवस्था न केवल दूसरे पायो- नियनो के लिये, बल्कि ख़ास यूनान मे रहनेवाले सभी यूनानियों के लिये और यूनान के उपनिवेशो के लिये आदर्श बन गयी, और वे अपने घरेलू सम्बन्धो को भी उसी साचे में अधिकाधिक ढालने लगे । लेकिन तमाम पर्दे और निगरानी के बावजूद यूनानी स्त्रिया अपने पतियो को धोखा देने के काफी मौके ढूढ ही निकालती थी। पति लोग-जिन्हे अपनी पत्नियो के प्रति जरा-सा भी प्रेम प्रकट करने मे शर्म आती थी-हैटेरानो के साथ विभिन्न प्रकार की प्रेम लीलाए किया करते थे। परन्तु नारी के पतन का खद पुरुष को बदला मिला और वह भी पतन के गर्त में जा पड़ा। यहा 6-410