पृष्ठ:परिवार, निजी सम्पत्ति और राज्य की उत्पत्ति.djvu/९

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१८८४ के पहले संस्करण की भूमिका

निम्नलिखित अध्याय कुछ मानों में एक अंतिम अभिलाषा की पूर्ति हैं। स्वयं कार्ल मार्क्स की यह योजना थी कि मौर्गन की खोज के परिणामी को उन निष्कर्षों के साथ सम्बद्ध करते हुए पेश करे जिन पर वह-कुछ सीमाओं के अन्दर मैं कह सकता हूं कि हम-दोनो इतिहास का भौतिकवादी दृष्टिकोण से अध्ययन करने के बाद पहुंचे थे, और इस तरह उनके पूरे महत्त्व को स्पष्ट करे। कारण कि मौर्गन ने अपने ढंग से अमरीका में इतिहास की उस भौतिकवादी धारणा का पुनः आविष्कार किया था, जिसका मार्क्स चालीस साल पहले पता लगा चुके थे, और बर्बर युग तथा सभ्यता के युग का तुलनात्मक अध्ययन करके इस धारणा के आधार पर वह, मुख्य बातों में, उन्ही नतीजों पर पहुंचे थे जिन पर मार्क्स पहुंचे थे। और जिस तरह जर्मनी के अधिकृत अर्थशास्त्री वर्षों तक मनोयोग के साथ 'पूंजी' की नक़ल करने के साथ-साथ उसे अपनी ख़ामोशी के द्वारा दवा देने में बराबर ही लगे रहे थे, उसी तरह का व्यवहार इंग्लैंड के "प्रागैतिहासिक" विज्ञान के प्रवक्ताओं ने मोर्गन के 'प्राचीन समाज' के साथ किया। जो काम पूरा करना मेरे दिवंगत भिन्न को न बदा था, उसकी कमी को मेरी यह रचना कुछ ही हद तक पूरा कर सकती है। परन्तु मौर्गन की पुस्तक से लिये लम्बे-लम्बे उद्धरणों के साथ मार्क्स ने जो आलोचनात्मक टिप्पणियां[१]


  1. Ancient Society, or Researches in the Lines of Human Progress from Savagery through Barbarism to Civilizations. By Lewis H. Morgan. London, MacMillan & Co., 1877. यह पुस्तक अमरीका में छपी थी और लन्दन में असाधारण कठिनाई से मिलती है। लेखक की, चन्द वर्ष हुए, मृत्यु हो गई। (एंगेल्स का नोट।)