पृष्ठ:परीक्षा गुरु.djvu/२४६

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परीक्षागुरू.
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मदनमोहनके नोकरोंकी स्वार्थपरता के भरोसे पर कुछ कुछ बढ़ाकर दावे कर बैठे थे यह सूरत देखतेही उन्के पांव तलेकी जमीन निकल गई। मिस्टर ब्राइट की कुर्की मैं सब माल अस्बाबके कुर्क हो जाने सै लेनदारोंको अपनी रकमके पटनेका संदेह तो पहलेही हो गया था. अब किसी तरहकी लपेट आजानें पर अपनी इज्जत खो बैठनेका डर मालुम होनें लगा “नमाजको गए थे रोजे गले पड़े”।

सिवायमैं यह चर्च सुनाई दी कि मदनमोहन को और, और दिसावरोंका बहुत देना है यदि सब माल जायदाद नीलाम होकर हिस्सै रसदी सब लेनदारोंको दिया गया तो भी बहुत थोड़ी रकम पल्ले पड़ेगी, ब्रजकिशोरसै लोग इस्का हाल पूछते थे तब वह अजान बन्कर अलग हो जाता था इस्सै लोगोंकी और भी छाती बैठी जाती थी जिस्तरह पलभरमैं मदनमोहनके दिवालेकी चर्चा चारों तरफ फैल गई थी इसी तरह अब यह सब बातें अफवाकी जहरी हवामैं मिलकर चारों तरफ उड़ने लगीं।

मोदीके मुकद्दमें सिवाय आज कोई पेचदार मुकद्दमा अदालतमैं न हुआ जिन्के मुकदमोंमैं आजकी तारीख लगी थी उन्ने भी निहालचंदके मुकद्दमें का परिणाम देखनेके लिये अपने मुकद्दमें एक, एक दो, दो दिन आगे बढ़वा दिये।

जब इस कामसै अवकाश मिला तो लाला ब्रजकिशोरने अदालतसै अर्ज करके मिस्टर रसलकी जायदाद नीलाम होनेंकी तारीख आगे बढ़वा दी परंतु यह बारा ऐसी सीधी थी कि इस्के लिये कुछ विशेष परिश्रम न उठाना पड़ा।