पृष्ठ:परीक्षा गुरु.djvu/२४७

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अदालत.
 


लाला ब्रजकिशोर की चाल देखकर बड़ा आश्चर्य होता है। सब लेनदार चारों तरफसै निराश होकर उस्के पास आते हैं परंतु वह आप उस्सै अधिक निराश मालूम होता है वह उन्के साथ बड़ी बेपरवाई सै बातचीत करता है उन्को हर तरहके चढ़ाव उतार दिखाता है जब वह लोग अपना पीछा छुटानें के लिये उस्सै बहुत आधीनता करते हैं तो वह बड़ी बेपरवाईसै उन्के साथ लगाव की बात करता है परन्तु जब वह किसी बात पर जमते हैं तो वह आप कच्चा पक्का होने लगता है उल्टी सीधी बात करके अपनी बातसै निकला चाहता है और जब कोई बात मंजूर करता है तो बड़ी आनाकानीसै ज़बान निकलनें के कारण उस्को यह बोझ उठाना पड़ता हो ऐसा रूप दिखाई देता है। कचहरी से लौटती बार उस्ने घंटे डेढ घंटे मिस्टर ब्राइटसै एकांतमैं बातचीत की! अदालतके कामोंमें उस्का वैसाही उद्योग दिखाई देता है परंतु दरअसल वह किसी अत्यंत कठिन काममैं लग रहा हो ऐसा ढंग मालूम होता है उस्के पहले सब काम नियमानुसार दिखाई देते थे परंतु इस समय कुछ क्रम नहीं रहा इस्समय उस्के सब काम परस्पर बिपरीत दिखाई देते हैं इसलिये उस्का निज भाव पहचान्ना बहुत कठिन है परंतु हम केवल इतनी बातपर संतोष बांध बैठे हैं कि जब उस्की कार्‌रवाईका परिणाम प्रकट हो जायगा तो वह अपना भाव सर्व साधारण की दृष्टिसे कैसे गुप्त रख सकेगा?


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