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पृष्ठ:परीक्षा गुरु.djvu/८२

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परीक्षा गुरु
७४
 


बहुत कुछ खो बैठता” उचित प्रबंध में जरा-सा अंतर आने से कैसा भयंकर परिणाम होता है इसपर विचार करिये कि इसी दिल्ली तख्त बाबत दाराशिकोह और औरंगजेब के बीच युद्ध हुआ. उस समय औरंगज़ेब की पराजय में कुछ संदेह न था परंतु दाराशिकोह हाथी से उतरते ही मानों तख्त से उतर गया मालिक का हाथी ख़ाली देखते ही सब सेना तत्काल भाग निकली”

"महाराज! बग्गी तैयार है.” नौकर ने आकर रिपोर्ट की.

"अच्छा चलिये रास्ते में बतलाते चलेंगे." लाला ब्रजकिशोर ले कहा. निदान सब लोग बग्गी में बैठकर रवाने हुए.


प्रकरण ११

सज्जनता.

सज्जनता न मिलै किये जतन करो किन कोय
ज्यों कर फार निहारिये लोचन बड़ो न होय

वृंद.

"आप भी कहां की बात कहां मिलाने लगे! म्यूनिसिपैलीटी के मेम्बर होने से और इन्तजाम की इन बातों से क्या संबंध है? म्यूनिसिपैलीटी के कार्य निर्वाह का बोझ एक आदमी के सिर नहीं है उसमें बहुत से मेम्बर होते हैं और उनमें कोई