पृष्ठ:पार्टनर(hindi).pdf/११

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पाठशाला S पाठशाला शुरू हो गई। बहुत सारे टीचर्स बदल गए है। सिर्फ पी.टी. का टीचर और हिंदी की डायन टीचर वही हैं। पी.टी. के टीचर की आँखे जब देखो लाल दिखती है। पिछले दो सालों से देख रहा हूँ। पास जाओ, तो शराब की बू आती है। माँ आज शहर गई थी। किताबें, कापियाँ सब चिजें जतीन की दुकान से ही खरीदने की ताकीद मैंने दी थी। उसने दूसरी जगह से खरीदी। बोली, जतीन के दुकान में महँगी हैं। मुझे माँ पर कभी-कभी इतना गुस्सा आता हैं! जतीन क्लास का मॉनिटर बन गया। जैसे हर साल बनता है। सभी को वो अच्छा लगता है। मुझे उससे बात करने का ज्यादा मौका नहीं मिलता। सभी उसके आगे-पीछे जो रहते हैं। मुझे कोई चान्स नहीं। जब जतीन का दरबार न लगा हो, तो क्लास की लड़कियाँ कुछ न कुछ बहाने बनाकर उससे हेलमेल करती रहती हैं। ये लड़कियाँ! इन पर मुझे सबसे ज्यादा गुस्सा आता है। हरदम जतीन के आस पास! शरम नहीं आती? किताबें जतीन को दिखाई। कह दिया तुम्हारी दुकान से ही खरीदी है। भगवान करे उसके ध्यान में न आया हो। आखिर इज्जत का सवाल है। जतीन मुस्कुराया। कितनी मीठी है उसकी मुस्कान। दाँत भी मोती जैसे। जतीन ऑलराऊंडर था। तेज दिमागवाला। खेल कूद में श्री माहिए। क्लास में सबसे खुबसूरत। खुशमिजाज। उसके रेशीम जैसे बाल हमेशा बिखरे रहते हैं। लंबा, गोर। होठों पर मींजनी हुई रेख। कसी हुई हाफ पँट। मैं पढाई में ठीक था लेकिन खेल में बहोत खराब। मैं उसके पास जाने की जी जान से कोशिश करता रहता था पट चान्स नहीं मिलता था। लड़कियों पट गुस्सा करनेवाली छात.पर मुझे आज भी हंसी आती है। उस वक्त मेरे ध्यान में नहीं आया था की लड़कियां मेरी कॉम्पिटीशन है। सेक्श्युअली उन ... २ ...