पृष्ठ:पार्टनर(hindi).pdf/४२

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अब लगता है. मैंने खुद पहले ही बता दिया होता तो ठीक रहता। लेकिन अब ऐसा सोचना आसान लगता है। उस वक्त किस मुंह से बताता? जो लड़के लड़कियाँ खुद बता देते है, उनके लिए मेरे मन में बहुत आदर है। Courage that was absent in me. रमेश ने घर में बताया नहीं। घर में उसे किसीने नहीं पूछा की उसने शादी क्यों नहीं की। रमेशा कहता है की शायद घरवालों को इस बात का शक था इसलिस वे चूप रहे। यह जो पॉलिसी है 'डोंट आस्क, डोंट टेल' वाली, वो उसके घर में चल सकी लेकिन हर घर में सेसा नहीं होता। प्रतीक, लुकप्स, शर्मिला सबने खुद घरवालों को बता दिया। प्रतीक और लुकास की घर की परिस्थिति अलग है। उनके घरवाले बहुत ही उदारमतवादी हैं। उनका स्वभाव ध्यान में रखकर को दोनों घर में बोल पास। जादातर लोग रूढ़िवादी होते हैं। शर्मिला के घर के लोग तो कमाल के छढ़िवादी है। लेकिन शर्मिला खुद बहुत निडर है। हर एक लड़का लड़की के माँ-बाप समझदार नहीं होते। हर लड़के-लड़की ने हिम्मत दिखाना जरूरी है लेकिन हर लड़का- लड़की सेसी निडरता कहाँ से लासँगे? मेटे घरवालों के हाथों अगर वह मॅगेझिन नहीं आता तो? मैं शादी के लिए तैयार होता? अगर शादी कर थी लेता तो पत्नी के साथ शारिरीक संबंध कर पाता? और नहीं रख पाता तो? उसकी जिंदगी का क्या होता? मेरी जिंदगी पर क्या असर होता? महेश को तलाक लेना पड़ा क्योंकि वह पत्नी के साथ शारिरीक संबंध कर नहीं सका। मान लो अगर यह बात भी हो सकी, तो भी सवाल बाकी रहता है, भावनिक जरूरतों का क्या होगा? उन्हें कैसे पूरा करें? और जिप्स व्यक्ति के साथ शारिरीक और मानसिक दृष्टि से प्रेम न हो, अपनापन न हो, उसके साथ