पृष्ठ:पार्टनर(hindi).pdf/५४

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, सात दिन का कोर्स दिया। साथ में गुप्तरोग, एच.आय.व्ही., विंडो पीरिएड सब समझाया। निरोध इस्तेमाल करने का सही तरिका बताया। मैंने कहा मुझे एच.आय.व्ही. की टेस्ट करनी है। उन्होंने विंडो पीरिएड के बाद आने के लिए कहा। पीछले ढाई महिने मेरी हवा तंग है। अगर एच.आय.व्ही. हो गया तो? आज 'नारी' में खूनकी जाँच के लिए गया। आज उतना डर नहीं लगा, जितना पहली बार लगा था। प्री-टेस्ट काउन्सेलिंग के बाद मुझे खून की जाँच के लिए बुलाया गया। एक टोकन दिया गया, उसपर एक नंबर लिखा हुआ है। उसे लेकर एक हप्ते के बाद फिरसे जाना है। कुछ सुझ नहीं रहा है। एड्स के जो लक्षण उन्होंने बताए थे, वो सभी मुझे मेरे शरीर पर दिखने लगे है। पसीना छूटना बढ़ गया है। वजन कम हो गया है। दस्त होने लगे है। मैंने निरोध का उपयोग करना चाहिए था। गलती मेरी है। काश, मैं निरोध साथ रखता। निरोध का इस्तेमाल किस बगैर अगर दो पुरुषों ने गुदमैथुन किया और उसमें से एक को गुप्तरोग या सच.आय.व्ही है, तो दूसरे को इसकी छूत लगने की संभावना होती है। इसलिए समलिंगी पुरुषों ने गुदमैथुन करते वक्त निरोध का उपयोग अनिवार्यता से करना जरूरी है। बदनशिबी यह है कि बहुत से लोग इस बात को नजर अंदाज करते है। बहुत थोडे लोग निरोध का उपयोग करने की सावधानी बरतते है। नतीजन इस के परिणाम भुगतने पड़ते हैं। यह सप्ताह बीतने का नाम नहीं ले रहा हैं। समय कटता ही नहीं। खुद को काम में डूबो लेता हूँ। दिमाग को सोच विचार का मौका ही नहीं देता। इस टेन्शन के कारण रोज शराब पीता हूँ। इन लोगों ने तुरंत रिजल्ट देना चाहिए। इस तरह अंधेरे मे लटकते रहना अब सहा नहीं जाता। हफ्ता कैसे गुजारा एक मैं ही जानता हूँ। आज सहमा सहमा-सा क्लिनिक गया- रिजल्ट लाने। दगडूशेठ गणपती के दर्शन करके गया। सीढ़ीतक पहुँचा तब लगने लगा, रिजल्ट न ले लूँ। जो होना है वो तो होकर ही रहेगा। उल्टे पाँव वापस निकला। ४५...