पृष्ठ:पार्टनर(hindi).pdf/५८

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- समलिंगी संबंध १) होमोसेक्शुअल्स - मानसिक दृष्टि से समलिंगी। जिन्हे अपने ही लिंग के व्यक्ति के बारे में भावनिक और शारीरिक आकर्षण होता है। २) बिहेक्यिरली हेटरोसेक्शुअल्स - यह समलिंगी व्यक्ति भिन्नलिंगी व्यक्ति से संबंध रखते है। खुद समलिंगी होने के बारे में किसी को बताते नहीं उदा. कुछ समलिंगी लोग घरवालों, समाज के दबाव में आकर शादी कर लेते है। इनमें से कुछ, बाहर समान लिंग के व्यक्ति से संबंध बनाते है। ३) बायसेक्शुअल्स - मानसिक दृष्टी से उभयलिंगी। जिन्हें कुछ महिलाएँ और कुछ पुरुषोंसे भावनिक तथा शारीरिक अकर्षण होता है। ४) बिहेवियरली होमोसेक्शुअल - भिन्नलिंगी व्यक्ति न मिलने के कारण अपने ही लिंग के व्यक्ति के साथ लैंगिक संबंध स्थापित करनेवाले। उदा. कुछ ट्रक ड्रायव्हर्स और क्लीनर्स की जोड़ियाँ, कुछ कैदी वगैरा। इसका मतलब यह नहीं कि ये व्यक्ति समलिंगी होते है। यह एक अस्था- रुपका, कुछ समयके लिए किया हुआ समझौता हो सकता है। ५) एक्सपेरिमेंटल सेक्स - बालिग होते होते कुछ लड़के-लड़कियाँ अपने ही लिंग के दोस्त/सहेली के साथ सेक्स करते है। हस्तमैथुन, मुखमैथुन आदि। यह सिर्फ एक्सपेरिमेंटल स्टेज होती है। इसका मतलब यह नहीं कि वो लड़के-लड़कियाँ समलिंगी है। यह केवल ट्रान्झिशनल फेज हो सकती है। समाज में एक गलतफहमी अक्सर देखने को मिलती है कि समलिंगी संभोग का चस्का लग सकता है। यह केवल गलत बात है। ऐसे अनेक लड़के/लड़कियाँ है (कुछ मेरे दोस्त भी है) कि जिन्होंने कॉलेज के दिनों में समलिंगी संबंध बनाए। उसका आनंद उठाया। लेकिन वे भिन्नलिंगी है और बड़े होकर उन्होने सिर्फ भिन्नलिंगी संबंध ही रखे है। उन्हें अगर समलिंगी संबंधों का चस्का होता, तो आज भी उन्होंने वो संबंध जारी रखे होते। समलैंगिकता निश्चित रूप से पाश्चात्य देशों से आयी हुई नहीं है। मैं कौन हूँ इस का मुझे ज्ञान नहीं था, इस आकर्षण को क्या कहते है, यह बात भी मालूम न थी, तब से मैं यह भावना महसूस कर रहा हूँ। समलैंगिकता अगर अपने देश में नहीं थी, तो कामसूत्र में, मनुस्मृति में इसका उल्लेख कैसे मिलता है।? ... ४९ ...