पृष्ठ:पार्टनर(hindi).pdf/६२

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काम मुझसे हो सके, करता हूँ। मेरा आत्मविश्वास बढ़ने लगा है। हमारे लिए जो काम चल रहा है, उसमें मैं भी हाथ बँटा सकता हूँ यह बात मनको बड़ा सुकून देती है। मेरे समाज के लोगों की तरफ जब देखता हूँ (उनमें से कुछ मेरे दोस्त भी है। तब घडी मायूसी होती है। यह लोग सिर्फ गे टाईटस्' की भाषा जानते है। पर उसके लिए कुछ काम करने की, कुछ कीमत चुकाने की इनकी तैयारी नहीं। बड़े निकम्मे होते हैं। इन्हें सब कुछ चाहिए, और वो भी मुफ्त में। राजेश हमेशा कहता है, बिना दाम घुकास सबकुछ मिला तो अपनी पर्सनल ग्रोथ कैसे युवराज को ट्रस्ट में लगातार मिलते रहता हूँ, तो अब उसकी आदत-सी हो गई है। मेरा डर कम हो गया है। अब मैं उससे हाय बाय तक बात भी कर सकता हूँ। साडी में उसे देखकर अब मैं हिठकता नहीं। एक उसका नौटंकीवाला बर्ताव छोड़ दे, तो बाकी वह आम लड़कों जैसा है। कल वह शर्टपॅट में आया, तो मैंने पहचाना ही नहीं। उसे बताना पड़ा। साहिल कुछ चंट है। उससे जरा बच के रहनाही ठीक होगा। हरभजन आज कहता था कि साहिल उसे एक लड़की के साथ शादी करने का आग्रह कर रहा है। मेरी समझ में नहीं आता, साहिल क्या अधिकार पाता था, ऐसा सुझाव देने के लिए? क्या उसे सिर्फ समाज की मान्यता महत्त्वपूर्ण थी? या फॅमिली की सिक्युरिटी महत्वपूर्ण लग रही थी? या तुभी मेरे जैसे फंसजा सेसी सोच थी? क्या उसे गिल्ट कॉम्प्लेक्स था? जिप्सकी वजह वह दूसरों को श्री वही गलती करने के लिए अग्रहकर रहा था। आज सब मिलकर फिल्म देखने गए। 'फिलाडेल्फिया'। सबको मुव्ही पसंद आई। ब्रायन एक लड़के को साथ लेकर आया था। नाम याद नहीं। मुस्लिम है। एकदम शांत स्वभाव का। उस समय मुझे उसका नाम भी याद नहीं रहा। इरफान।