पृष्ठ:पार्टनर(hindi).pdf/६५

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गया है, मान श्री गया है लेकिन बरसों से हुए संस्कार किया गया ब्रेनवॉशिंग इतनी आसानी से मिटनेवाला नहीं। हमारे स्वभाव भिन्न है, लेकिन एक दूसरे के लिए आकर्षण जरुर है। उसके साथ सेक्स करने की इच्छा मनमें उठती है लेकिन मैं जल्दबाजी करना नहीं चाहता। मेरी नाखून चबाने की आदत उसे बिलकूल पसंद नहीं। यह आदत छोड़ देने की कोशिश करनी पड़ेगी। लेकिन मुश्किल है। सेसे कुछ फालतू, बेमतले और कधी गंधीर मुद्दों को लेकर हमारे झगड़े हुस। लेकिन मेरी किस्मत कि, कधी इतने घमासान नहीं हुए कि हमारे संबंध ही टूटे। हर बार सक हद के बाद हम दोनों एक कदम पीछे हटते थे। शायद यह चिंता दोनों के मन में थी कि अगर यह रिश्ता फट गया, तो सेसा साथी फिरसे मिलना कठिन होगा। कल हम सब शेखर को मिलने गए थे। अब उसकी तबियत ठीक है। बाद में बगीचे में बैठे थे। प्रतिक अॅक्टिव्ह हैं ऐसे कहता है। पॅसिव्ह लड़के उसे कम अहमियत वाले लगते हैं। उसका यह होमोफोबिया जितनी जल्दी मिट जाए उतना अच्छा है। प्रतीक को कौन्सेलिंग की जरुरत है। कब अकल आएगी उसे? आज इरफान के साथ एक जीन्स की विज्ञापन देखने गए थे। नरेन ने रेकमेंड किया था। सिंबायोसिस कॉलेज के चढाव पर गए। उधर से बी.एम.सी.सी. कॉलेज की तरफ नीचे आते वक्त दाहिनी बाजू में यह होर्डिंग लगा है। बहुत बड़ा है। चार लड़के जीन्स पहने हुए। उपर नंगे बदन के। खुबसुरत है। देर तक हम दोनों उनकी तगफ टकटकी लगाकर देखते रहे। बाद में मैंने उसे घरतक छोड़ा। वहाँ सबकी नजर बचाकर उसने मुझे धीरे से किस किया। मैं उससे दूर होना नहीं चाहता था। लेकिन वह झटके से घर में घुस गया। कल मेरा प्रमोशन हुआ। शाम को मैंने इरफान को पिकअप किया और उसे लेकर चाँदनी चौक में खाना खाने गए। शराब पी। (ज्यादा नहीं, सिर्फ दो पेग) आज हठ करके उसने ही सारे पैसे दिए। फिर रात दूर दूर घूमने गए। ठंडी हवा बह रही थी। इरफान पर गाडी चलाने की सनक सँवार थी। मैं पीछे बैठ गया। उसकी कमर में हाथ डालकर उसे एकदम चिपककर बैठ गया। नाक से उसके बाल उकसाए। ५६... ...