पृष्ठ:पार्टनर(hindi).pdf/६६

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कितनी खुशबू थी उसकी बालों में। उसे पूछना चाहिए कौन सा शांपू लगाता है? वापस आतेवक्त बालेवाडी के नजदिक एक खाली पठार दिखाई दिया। वहाँ रुक गए। सभी ओर अंधेरा ही अंधेरा था। दिल धक धक कर रहा था। मैंने उसे मेरी बाहों में भिच लिया और किस किया। हम दोनों के पास निरोध था। मैंने मुझे उसके हवाले कर दिया। घर पहुँचा तो रात के तीन बजे थे। आज काम पर नहीं गया। कल की रात बार-बार याद या रहीं है। अर्थात उसका परिणाम भी भुगत रहा हूँ- कहाँ कहाँ चीटियों ने काटा है। बीच-बीच में इरु का नाम माँ के सामने आने लगा है। उसे मैंने कुछ बताया नहीं है, फिर भी वो भाँप गई है। कभी तिरछी नजर से मुझे घूरती रहती है। मैं इरुको मराठी सिखा रहा हूँ। हिंदी में मैं एकदम गोबर गणेश। अंग्रेजी इतनी बुरी नहीं है, लेकिन बोलते वक्त ऐन मौके पर शब्द धोखा देते हैं। मेरी अंग्रेजी सुनकर इरु कभी कभी खी खी करके हँसता रहता है। भड़वा। इरु ने कल कमाल कर दिया। उसके एक कलिग को बता दिया कि वह गे है। उसका नाम अर्जुन है। मैं बेचैन हुआ। 'अबे मुरख उसने तेरे मॅनेजर को बताया तो समझो तुम्हारी नौकरी गई...' मैं। 'अर्जुन बहुत समझदार है- लिबरल है।' इरु 'शादीशुदा है?' मैं 'नहीं' इरु 'अरे उसकी शादी भी नहीं हुई है। अगर उसने सोचा कि यह मुझे क्यूँ बता रहा है? क्या उसे मैं उसके जैसा लगता हूँ? तो? डर जाएगा ना वो - मैं बोला। 'वह हेटेरोसेक्शुअल होने पर भी बहुत सेक्युअर है' - इरु 'हेटेरोसेक्शुअल ओर सेक्युअर? मैं तो यह बात पहली बार सुन रहा हूँ। मुझे इरुपर गुस्सा आ गया। क्यों बताने गया? चुपचाप रहो न! खाम-खा अपनी पैरों पर खुद कुल्हाडी मारने का यह कौन-सा शौक है? ऐसी बातें खुद जाके लोगों को बताना. मतलब उनको उक्साना है। एक तो मुझे चिंता थी इसके नौकरी की। उसके फील्ड में नौकरी ५७...