पृष्ठ:पार्टनर(hindi).pdf/७५

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निकल गया। कपडे की बॅग भी नहीं। बहुत मायूस था। मैंने उसे बाहो में भर लिया तो जी भरके रोया। फिर गुस्सा निकल आया। बहुत गालीगलौज गिन रहा था। बोला, 'कई साल पहले मेरे बाप को हार्ट अँटेक हुआ था। लग रहा था कि मर जाएगा लेकिन बच गया साला। मैं अब घर कभी-भी नहीं लौटूंगा। मर गए मेरे लिए वो लोग। सिर्फ एक अम्मी है- जिसके लिए जान अटक जाती है। बहुत छटपटाहट होती है।' मैंने कहा, "सभी के बाप एक जैसे ही होते हैं।' गराज ठीक तरह से शुरु हो गया है। पहला काम मिला, इरु की गाडी की सर्व्हिसिंग का। मैंने ना कहने पर भी जबरदस्ती से इरु ने पैसे दे दिए। इरु, काम खत्म होने के बाद, शाम को कभी-कभी गराज पर आता है। ऑफिस की बातें सुनाता रहता है। उसके ऑफिस में एक चिकना लड़का आया है। इस साले की नजर हमेशा उसीपर। उसके ही गुण गराज पर आकर गाता रहता है। अब मुझे ईर्ष्या या जलन नहीं होती। उल्टे कभी प्यार से मैं उसे कहता हूँ, तुझे वह लड़का इतना अच्छा लगता है, तो क्यों न उसे दूसरी पत्नी बना लेता? बहुत बक बक करता है। बोलते बोलते काम में भी हाथ बटाँता है। कभी ऊब जाता है, तो आकर गुमसुम बैठकर सिगारेट पीता रहता है। दो दिन हो गए, इरु का फोन नहीं आया। बाद में पता चला कि उसके रुम पर उधम मच गया था। उसका बाप और बहन यहाँ आए थे। उन्होंने एक लड़की पक्की कर दी है। उसे सिर्फ बताने आए थे। जमके झगड़ा हो गया। बापने धमकाया कि अगर उस लड़की को इरु पसंद नहीं करेगा तो ऑफिस में आकर तमाशा करेगा। इरु का मन उचर गया है। उसकी बहन और बाप आज चले गए। बहन हूबहू बाप का नमूना है। मैं इरु के रुम पर गया। उधर उसके रुममेट्स भी थे। तो ज्यादा बोल न पाया। इरु को लेकर बाहर गया। बगीचे में हाथ मिलाए बैठे रहे। न जाने कितनी देर। बगीचा बंद हुआ। फिर एक चबुतरे पर बैठे। रात चढ़ गई। भूख बिल्कुल नहीं थी। देर रात किसी पुलिस ने हमें भगा दिया। उसे घर छोड़कर मैं वापस आ गया। हम एक शब्द भी बोले नहीं। हफ्ता हो गया, इरु बीमार है। दो दिन अस्पताल में भरती था। रातभर मैं वहाँ रुकता था। सुबह, शाम उसके रुममेट्स आकर खबर लेते थे। इरुने रुममेट्स को 1 ...