पृष्ठ:पीर नाबालिग़.djvu/७३

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जेन्टिलमैन "बेशक, परन्तु यह लीक लकड़ी के सितून के ऊपर करना होगा, जिससे तार जलते ही आग झट से बैठ जाय " ऐसा ही होगा। "तब आप जाइए और अपना काम खतम करके चले "क्या स्विच स्टार्ट कर आऊँ?" "तव ज्या ? सब कुछ अाज हो होना चाहिए, और मि० दास, तुम अपनो को तैयार रक्खो याद रक्खो यह मामूली घटना न होगी, शहर में तहलका मच जायगा।" मि दास ने भयग्रस्त होकर कहा-"मि० जेन्टिलमैन, सावधानी से सब बातों पर विचार करलो, जल्दी न करो। बड़ा भयानक काम है" जेन्टिलमैन ने उठते हुए कहा-"अब हम तीनों रात के साढ़े बारह बजे बाजार के मोड़ पर मिलेंगे। उस समय तक वहाँ श्रादमियों की भारी भीड़ लग चुकी होगी। ठहरो, जगह ठीक कर लेनी चाहिए। वह जो रेस्टोरों है वहीं । पर खबदार, हम लोग पृथक् २ टेबिलों पर बैठे होंगे। तीनों मित्रों ने नेत्रों में विचार-विनिमय किया, और तीनों अपनी-अपनी राह लगे ५ कपड़े के मार्केट में आग लगाना एक प्रलयकारी दृश्य था। धनी बस्ती के बीच में यह मार्कट था । कुल मार्केट में आठ सौ कपड़े की दूकानें थीं । मनुष्य और माल से भरपूर । उनमें करोड़ों. का माल भरा था। मार्केट में आग लग जाने की खबर बात की बाव में नगर भर में फैल गई। सभी स्थानों की भाग बुझाने ।