पृष्ठ:पीर नाबालिग़.djvu/८८

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करा रहे थे। इवाजे बन्द थे, और दोनों व्यक्ति सेज़ पर फैले हुए कागजों को टटोल रहे थे। सालीसीटर ने कहा-मि. जेंटलमैन: क्या यह अफवाह सच है कि बैंक की पोजीशन खराब होते देख संठ जी ने जहर खा लिया। "जी नहीं। मैंने सुना है कि उनकी स्त्री ने गलती से मालिश करने वाली दवा पिला दी। लेकिन यह सुना ही तो है, इसमें सचाई कहाँ तक है, यह तो ईश्वर जाने । परन्तु सेठ जी के मरने मे मैं ना बड़ी आपत्ति में पड़ गया। और यह पाप का टीका मेरे ही सर पर लगा है। अफलोस है कि आज यह बदनार्मा मेरे गले बंधी। सालीसीटर ने सम्पूर्ण कागजात पर नजर दौड़ाने हुए कहा-मि जेन्टलमैन ! आपको जेल जाने की पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए, कागजात आपके खिलाफ हैं और बैंक का लग- भग पचास लाख रुपया आपके नाम पड़ा हुआ है। अपने घर खर्च में गैर-कानूनी ढङ्ग से बैंक का रुपया आपने काम में लिया है। मिः जेन्टलमैन ने गम्भीर चेहरा बनाकर कहा-"मैंने जो कुछ किया है, सब बैंक के फायदे के लिए ही किया है। फिलहाल तो आप इन्सालवैसी लिख दीजिए और जहाँ तक वने आप इस बैंक के रिसीवर बन जाइए ! लेकिन आप इस बात को याद रखिए कि मेरे और आपके तालुकात नए नहीं हैं। अगर आप इस मुसीबत से मेरी रक्षा करने का ख्याल रक्खेंगे तो मैं बाहर नहीं हूँ, बैंक फेल हुआ है, मैं नहीं। , उन्होंने दस हजार के नोट मेज पर रख दिए, यह आपका